चंद यादें
ज़िन्दगी के सफहों को पलटते हुए, कुछ ख़ास पल जैसे हाथ पकड़कर रोक लेना चाहते हैं!
Saturday, August 4, 2012
पथराई आँखों में अब ख्वाब तैरते नहीं
उसके आने की राह अब और देखते नहीं!
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